आसमां लाल सा है, और सूरज अब तक डूबा नही है । ठंडी हवा चल रही है , और खम्बों पर लगी बत्तिया माहौल खुशनुमा कर रही है । टहलते हुए दोस्तों की टोलियाँ बहुत खुश नज़र आती है । पर मैं अकेला उदास खड़ा हूँ । सामने बैठे बच्चे मासूमियत से मुस्कुरा रहे हैं । उनके होठो पर बैठी मुस्कराहट से तुम्हारी याद आई । कहीं तुमने ही तो उस हसीं मे दोस्ती का तोहफा नही भेजा ? सुना है आजकल तुमने कोई नया हुनर सीखा है॥ उस हसी से तुम्हारी खुशी का एहसास तो हो गया मुझको , पर मैं अब भी अकेला उदास खड़ा हूँ । जब तुम्हारी याद बर्दाश्त न हुई तो घुस चला एक किताबो की दूकान मे । कुछ किताबो पर नज़र गई जो हमने कभी साथ पढ़ी थी , और मेरे होठो पे हसी के साथ आखो से एक आंसू छलक गया। निकला वहां से बाहर और सड़क की भीड़ मे खो गया जब रुका और पलट कर देखा तो पाया.. मैं अब भी अकेला उदास खड़ा हु । ०४-०८-०८ (फ्रेंडशिप डे की शाम)
Poetry is my best mate during loneliness. Below are the few colors of this best mate of mine. :)